SJS&PBS

स्थापना : 18 अगस्त, 2014


: मकसद :

हमारा मकसद साफ! सभी के साथ इंसाफ!!


: अवधारणा :


सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक जिम्मेदारी!

Social Justice, Secularism And Pay Back to Society-SJS&PBS


: सवाल और जवाब :


1-बहुसंख्यक देशवासियों की प्रगति में मूल सामाजिक व्यवधान : मनुवादी आतंकवाद!

2-बहुसंख्यक देशवासियों की प्रगति का संवैधानिक समाधान : समान प्रतिनिधित्व।


अर्थात्

समान प्रतिनिधित्व की युक्ति! मनुवादी आतंकवाद से मुक्ति!!


21.10.14

क्या अभी भी मीणाओं को सोते रहना चाहिए?

क्या अभी भी मीणाओं को सोते रहना चाहिए?
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-मीणा (Meena) जाति के प्रमाण पत्र धारी मीणाओं का नौकरियों में चयन निरस्त करना शुरू किया जा चुका है। जाति प्रमाण पत्र banae नहीं जा रहे हैं। और
-नौकरी कर रहे जिन मीणा लोगों के जाति प्रमाण पत्र "मीणा" (मीणा/Meena) नाम से बने हैं, उनको नौकरी से बर्खास्त करने के लिए मनुवादी ताकतें लगातार राज्य और केंद्र सरकार पर दबाव डाल रही हैं और सरकारी खुफिया सूत्रों के अनुसार अंदरखाने इस मुद्दे पर मीणाओं के खिलाफ निर्णय लिए जाने का षड्यंत्र शुरू हो चुका है।
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आज सम्पूर्ण मीणा जाति पर मनुवादी षड्यंत्रों की मार पड़ी है।
जिन लोगों ने हजारों सालों तक हमें अपने पैरों के नीचे रखा और फिर भी हमारे पूर्वज उनके पैर पूजते रहे हैं।
आज वही लोग सम्पूर्ण मीणा समाज की गर्दन काटने को तत्पर हैं।
मीणाओं की आरक्षण आधारित सांकेतिक उन्नति से जलने वालों ने हमें
मीणा (Meena) और मीना (Mina) दो जातियों में बांटने का षड्यंत्र रच डाला।
करीब दस वर्ष से यह मामला कागजों में चल रहा था।
मगर मीणाओं में राजनैतिक नेतृत्व ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
जबकि केंद्र सरकार की मंत्रिपरिषद में भी मीणाओं की हिस्सेदारी थी।

"हक रक्षक दल" का गठन सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए किया गया है।
और आरक्षण का मूल मकसद सामाजिक न्याय की स्थापना करना है।
"हक रक्षक दल" की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर "मीणा-मीना" मुद्दा है।

2004 से अगस्त, 2014 तक राजनैतिक और प्रशासनिक पदों पर बैठे मीणाओं ने "मीणा मीना" मुद्दे को मुद्दा ही नहीं माना।
ऐसे हालातों में "हक रक्षक दल" ने षड्यंत्रकारी लोगों के खिलाफ खड़े होने का निर्णय लिया और "मीणा-मीना" एक जाति है, इसके समर्थन में गाँव-गाँव में जाकर एक लाख लोगों के हस्ताक्षर करवाने का अभियान शुरू किया।
सोशल मीडिया पर भी अभियान चलाया गया।
जिससे लोगों को इस मुद्दे की गंभीरता का ज्ञान हुआ।
कुछ मीणा जन प्रतिनिधियों और अफसरों ने इस अभियान का भी विरोध किया। आज भी विरोध जारी है। इन लोगों ने "हक रक्षक दल" को तथा इसके कार्यकर्ताओं को बदनाम करने हेतु अनेक प्रकार से दुष्प्रचार भी किया।
मगर "हक रक्षक दल" की मुहिम लगातार बढ़ती ही जा रही रही है।
"हक रक्षक दल" की और से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया और मुद्दे की हकीकत सरकार, समाज और मीडिया के सामने प्रस्तुत की गयी।

इस सबका असर यह हुआ कि आज अज्ञानी मीणा समाज जाग रहा है।
इस प्रकार "हक रक्षक दल" के अभियान का प्राथमिक चरण-समाज को नींद से जगाने और मीणा मीना मुद्दे की हकीकत उजागर करने का कार्य पूर्ण हो चुका है।

हमारे कुछ लोग हाई कोर्ट में भी मुकदमें लड़ रहे हैं।
जबकि "हक रक्षक दल" का पहले दिन से कहना रहा है कि कोर्ट से हम नहीं जीत सकते, क्योंकि -
0-------कोर्ट में मनुवादियों का वर्चस्व है। जहाँ हमें ठीक से सुना तक नहीं जाता।
0-------इतिहास गवाह है की न्यायपालिका (सुप्रीम कोर्ट) ने आरक्षण को हमेशा कमजोर ही किया है।
0-------दुष्परिणाम सबके सामने है-वरिष्ठता, पदोन्नति आदि से खुली छेड़छाड़ की गयी।
0-------यदि हाई कोर्ट बिना मुकदमें का अंतिम निर्णय सुनाये ही मीणा (Meena) जाति को जनजाति सूची में से बाहर कर दे तो इसे क्या कहा जाए? न्याय के नाम पर ये मजाक नहीं है?
0-------जिसके चलते राज्य सरकार ने मीणा (Meena) जाति के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने पर रोक लगा दी है।
0-------जिसकी आड़ में तहसीलदार "मीना" (Mina) नाम से भी जाति प्रमाण पत्र नहीं बना रहे हैं।
0-------मीणा (मीणा/Meena) जाति के प्रमाण पत्र धारी मीणाओं का नौकरियों में चयन निरस्त करना शुरू किया जा चुका है।
0-------नौकरी कर रहे जिन मीणा लोगों के जाति प्रमाण पत्र "मीणा" (मीणा/Meena) नाम से बने हुए हैं, उनको नौकरी से निकलवाने के लिए मनुवादी ताकतें लगातार राज्य और केंद्र सरकार पर दबाव डाल रही हैं और सरकार के खुफिया सूत्रों के अनुसार अंदरखाने इस मुद्दे पर मीणाओं के खिलाफ निर्णय लिए जाने का षड्यंत्र शुरू हो ही चुका है।
0-------फिर भी कोर्ट की चोखट पर माथा टेकने का हमारे लोगों का भोलापन अभी तक जारी है।

अब केवल एक ही उपाय है-गैर राजनैतिक जन आंदोलन, क्योंकि लोकतंत्र में जनता की एकजुट ताकत के सामने झुकना सत्ता की मजबूरी होती है।

अत: हमें याद रखना होगा कि-

1========एक साथ आना शुरूआत है।
2========एक साथ रहना प्रगति है। और
3========एक साथ काम करना सफलता है।

आगे की लड़ाई हम सबको सामूहिक रूप से लड़नी होगी।
आज हम मीणा जिन हालातों में पहुंचा दिए गए हैं, ऐसे में हमें क्षेत्र, गोत्र आदि को भूलकर समाज हिट में एकजुट होकर ईमानदारी से संघर्ष/योगदान करना होगा।

ऐसे विकट हालातों में हमारे लिए सारे मनमुटाव भुलाकर तुरंत एक होने का समय है।
हमें मीणाओं के आलावा दूसरे समुदायों और वर्गों का सहयोग मिल सके लेना चाहिए।
--- डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' प्रमुख-हक रक्षक दल (अनार्यों के हक की आवाज)

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