SJS&PBS

स्थापना : 18 अगस्त, 2014


: मकसद :

हमारा मकसद साफ! सभी के साथ इंसाफ!!


: अवधारणा :


सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक जिम्मेदारी!

Social Justice, Secularism And Pay Back to Society-SJS&PBS


: सवाल और जवाब :


1-बहुसंख्यक देशवासियों की प्रगति में मूल सामाजिक व्यवधान : मनुवादी आतंकवाद!

2-बहुसंख्यक देशवासियों की प्रगति का संवैधानिक समाधान : समान प्रतिनिधित्व।


अर्थात्

समान प्रतिनिधित्व की युक्ति! मनुवादी आतंकवाद से मुक्ति!!


17.11.14

हक रक्षक दल की कार्यशाला से बाहर निकलने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया

हक रक्षक दल की कार्यशाला से बाहर निकलने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया

निवाई-टोंक। एम. के. मेमोरियल स्कूल, खणदेवत रोड़, जमात, निवाई, में 16 नम्बर, 2014 को को हक रक्षक दल की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से हक रक्षक दल के प्रमुख डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’, उप प्रमुख डीएस देवराज, राजस्थान प्रदेश प्रभारी विमल कुमार मीणा आदि ने सम्बोधित किया।

कार्यशाला का आयोजन हक रक्षक दल के स्थानीय प्रतिनिधि बाबूलाल मीणा, आलोक मीणा, बुधराम मीणा, तेजराम मीणा और उनके अनेकानेक सहयोगियों ने किया। जिसमें स्थानीय युवा और बुजुर्गों के साथ-साथ टोंक, कोटा, दौसा और जयपुर जिले के हक रक्षकों न सक्रिय रूप से भाग लिया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में सुप्रसिद्ध लेखक एवं चिन्तक और हक रक्षक दल के प्रमुख श्री डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ जी का कार्याशाला में उपस्थित समाज के वयोवृद्ध श्री रामकुमार मीणा जी ने माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। साथ ही उपमुख्य प्रमुख श्री डीएस देवराज, प्रदेश प्रभारी श्री विमल कुमार मीणा, कोटा के हक रक्षक प्रतिनिधि शशि मीणा का भी आयोजकों ने माल्यार्पण करके स्वागत किया। 

कार्यशाला का प्रारम्भ करते हुए डॉ. निरंकुश जी ने कार्यशाला में उपस्थित नये लोगों से सीधा सवाल किया कि कितनों को ज्ञात है कि-मीणा-मीना विवाद क्या है? जिस पर अधिकांश ने अनभिज्ञता जताई और कुछ ने कहा कि केवल बोलने और लिखने का फर्क है, बाकी कोई फर्क नहीं है।

डॉ. निरंकुश जी ने सवाल किया कि मीणा जाति में वैवाहिक रिश्तों का समाधान करने का अधिकार मीणा समाज के पंच पटेलों के पास क्यों है और समाज के पंच पटेलों द्वारा वैवाहिक मामलों के निपटारे को कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती, क्यों? मगर किसी के पास भी इस सवाल का जवाब नहीं था।

डॉ. निरंकुश जी ने जब सवाल किया कि कितनों को जानकारी है कि हिन्दू विवाह अधिनियम के प्रावधान आदिवासियों के ऊपर लागू नहीं होते हैं, क्योंकि हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार आदिवासी हिन्दू नहीं हैं, तो लोगों के बीच सन्नाटा छा गया।

इस प्रकार के कुछ सवालों के साथ डॉ. निरकुश जी ने मीणा-मीना विवाद पर कार्यशाला की शुरूआत की तो उपस्थित लोग आश्‍चर्यचकित होकर डॉ. साब की एक-एक बात को ध्यान से सुनते रहे। बीच-बीच में डॉ. निरंकुश जी ने उपस्थित लोगों से कुछ रोचक और ज्ञानवर्धक सवालों के जवाब भी पूछे, लोगों को भी सवाल पूछने को प्रेरित किया और लोगों को परिवार के सदस्यों की भांति अपने साथ जोड़ लिया। ऐसी-ऐसी जानकारियॉं लोगों को दी, जिनके बारे में लोगों को तनिक भी जानकारी नहीं थी। डॉ. निरंकुश जी को सुनने के बाद कार्यशाला में भाग लेने वालों की निम्न प्रतिक्रियाओं को पढकर कार्यशाला कैसी रही होगी, इस बात का सहज ही अन्दाजा लगाया जा सकता है।

सेवानिवृत सत्तर वर्षीय फौजी : मेरे जीवन में मैंन कभी सोचा भी नहीं था कि मीणा समाज में डॉ. पुरुषोत्तम मीणा के रूप में ऐसा व्यक्ति भी मौजूद है, जिसे आजादी से पहले से मीणा-मीना विवाद तक की आरक्षण सम्बन्धी सभी संवैधानिक, कानूनी और सामाजिक बातों की जानकारी पर इतनी अच्छी पकड़ है। हम तो डॉ. साहब को सुनकर धन्य हो गये।

क 25 वर्षीय युवा : आज डॉ. साहब को नहीं सुनता तो मैं बहुत बडे़ ज्ञान से वंचित रह जाता। डॉ. साहब ने हमें जो जानकारियां दी हैं, उनसे हमें पहली बार पता चला है कि हमारे समाज की असली समस्या क्या हैं!

एक अध्यापक : डॉ. साहब को सुनकर आँखों की और दिमांग की धूल साफ हो गयी। डॉ. साहब ने हमें सच का आईना दिखा दिया। आज हम नहीं आते तो बहुत बड़ी भूल होती।

एक अन्य युवा : डॉ. साहब ने जिस तरीके से लगातार चार घंटे तक जानकारी दी है, उसे सुनकर तो हमारी आंखें खुल गयी है और इस बात का अहसास हो गया है कि मनुवादी और राजनेता हमें लगातार गुमराह करते आये हैं।

एक अन्य कर्मचारी : डॉ. साहब ने जो जानकारी दी हैं, उनकोे हमें गॉंव-गॉंव तक पहुंचाना होगा। डॉ. साहब का हक रक्षक दल रूपी ज्ञान और जागरूकता अभियान अब रुकने वाला नहीं है। हम इसे हर जगह पहुंचायेंगे।

एक अन्य बजुर्ग : मुझे तो पता ही आज चला है कि मीणा-मीना विवाद की हकीकत क्या है? आज से पहले तो बस यही समझता था कि लिखने और बोलने का ही फर्क है।

कार्यशाला के दौरान श्री डॉ. पुरुषोत्तम मीणा जी और उप प्रमुख श्री डीएस देवराज जी की अनुमति से राजस्थान प्रदेश प्रभारी श्री विमल कुमार मीणा जी ने करौली जिले के युवा और जुझारू सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रामलखन मीणा जी को हक रक्षक दल का राजस्थान प्रदेश प्रभारी (युवा प्रकोष्ठ), श्री आलोक मीणा जी को टोंक जिला अध्यक्ष (युवा प्रकोष्ठ) और श्री बुधराम मीणा जी को निवाई तहसील अध्यक्ष (युवा प्रकोष्ठ) नियुक्त किया गया। उपस्थित सभी लोगों ने नवनियुक्त पदाधिकारियों का कर्तलध्वनि से स्वागत करते हुए माल्यार्पण करके उनका सम्मान भी किया। नवनियुक्त पदाधिकारियों ने हक रक्षक दल की आवाज को जन जन की आवाज बनाने का विश्‍वास दिलाया। उपस्थित सभी लोगों ने एक स्वर में हक रक्षक  दल के पदाधिकारियों का सहयोग करने का आश्वासन दिया।  

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा जी कार्यशाला से निकलने के बाद हर कोई डॉ. साहब के विचारों के बारे में चर्चा करने में मशगूल देखा गया। यही हक रक्षक दल के नेतृत्व की ऐसी अनोखी प्रतिभा और क्षमता है, जिसके कारण लगातार हक रक्षक दल का कारवां हर दिन बढता ही जा रहा है।

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