SJS&PBS

स्थापना : 18 अगस्त, 2014


: मकसद :

हमारा मकसद साफ! सभी के साथ इंसाफ!!


: अवधारणा :


सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक जिम्मेदारी!

Social Justice, Secularism And Pay Back to Society-SJS&PBS


: सवाल और जवाब :


1-बहुसंख्यक देशवासियों की प्रगति में मूल सामाजिक व्यवधान : मनुवादी आतंकवाद!

2-बहुसंख्यक देशवासियों की प्रगति का संवैधानिक समाधान : समान प्रतिनिधित्व।


अर्थात्

समान प्रतिनिधित्व की युक्ति! मनुवादी आतंकवाद से मुक्ति!!


15.11.14

प्रथम आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद वीर बिरसा मुण्डा की 140वीं जयंती पर नमन

प्रथम आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद
वीर बिरसा मुण्डा की 140वीं जयंती पर नमन

संक्षिप्त जीवन परिचय :
वीर बिरसा मुण्डा का जन्म 15 नवम्बर, 1872 को खुट्टी के चकलेद गॉव में हुआ था। इनकी शिक्षा-दीक्षा मिहानरी विद्यालय में हुई थी। 1899 में इन्होंने उलगुलान आंदोलन छेड़ा, जिसे सामंतों और अंग्रेजों ने मिलकर दबा दिया और 3 फरवरी, 1900 को उन्हें गिरफ्तार कर जेल में दाल लिया गया। अंतत: 5 जून 1900 को रांची के कारागार में ही उनकी हत्या कर दी गयी जिसे हैजा के कारन हुई मृत्यु कहकर प्रचारित किया गया।

जनजातीय विद्रोह :

-जनजातीय विद्रोह में सबसे संगठित एवं विस्तृत विद्रोह 1895 ई. से 1901 ई. के बीच मुण्डा विद्रोह था, जिसका नेतृत्व आदिवासी वीर बिरसा मुण्डा ने किया था।

-वीर बिरसा मुण्डा का जन्म 1875 ई. में रांची के तमार थाना के अन्तर्गत चालकन्द गाँव में हुआ था। उसने अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त की थी।

-वीर बिरसा मुण्डा ने, मुण्डा विद्रोह नाम से प्रसिद्ध विद्रोह पारम्परिक मनुवादी सामंतशाही एकाधिकारवादी भू-व्यवस्था के खिलाफ आदिवासियों को जमींदारी हक प्रदान करने की व्यवस्था में परिवर्तन हेतु सामजिक-धार्मिक-राजनीतिक आन्दोलन का स्वरूप प्रदान किया।

-वीर बिरसा मुण्डा को स्थानीय भाषा में उल्गुहान (महान विद्रोही) कहा गया है। जिन्होंने धर्म के नाम पर अन्ध विश्वास पैदा करने वाली मनुवादी व्यवस्था के खिलाफ आदिवासियों को एकजुट किया और एकेश्वरवाद का संदेश दिया।   

-वीर बिरसा मुण्डा ने अपनी सुधारवादी प्रक्रिया का सामाजिक जीवन में एक आदर्श प्रस्तुत किया। इसलिए उन्होंने निजी जीवन में नैतिक आचरण की शुद्धता, आत्म-सुधार और एकेश्‍वरवाद का उपदेश दिया।

-वीर बिरसा मुण्डा ने स्थानीय सामंतों के मार्फ़त संचालित ब्रिटिश सत्ता के अस्तित्व को अस्वीकारते हुए अपने अनुयायियों को सामंतों के मार्फ़त सरकार को लगान न देने का आदेश दिया।

-नाइंसाफी से विरुद्ध संघर्षरत वीर बिरसा मुण्डा की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर, कुछ धोखेबाज आदिवासियों के सहयोग से सामंतों और अंग्रेजों ने  उनको 1900 ई. गिरफ्तार कर, जेल में डाल दिया जहाँ। जहाँ  हैजा की बीमारी से उनकी मृत्यु होना प्रचारित किया गया। जबकि हकीकत में मनुवादियों और अंग्रेजों ने सामूहिक षड्यंत्र रचकर बिरसा को जेल में मार डाला।

प्रतिज्ञा करें :
आज उनकी 140वीं जयंति है।
इस अवसर पर हम सभी आदिवासी और
वीर बिरसा के जीवन संघर्ष को जानने और
मान्यता प्रदान करने वाले सभी भारतवासी
प्रथम आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी और
अमर शहीद वीर बिरसा मुंडा के अन्याय के खिलाफ किये गए संघर्ष को नमन करते हैं।
और अमर शहीद वीर बिरसा मुंडा के जीवन से प्रेरणा लेते हुए
हम अपनी-अपनी सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी मानते गए
सच्चे मन से स्वेच्छा प्रतिज्ञा करें कि-
  • 01-हम सभी आदिवासी किसी के अन्याय और भेदभाव को नहीं सहेंगे।
  • 02-हम सभी आदिवासी एक दूसरे की पीड़ाओं को साझा करेंगे। 
  • 03-हम सभी आदिवासी संघर्ष करने के लिए हमेशा एकजुट रहेंगे।
  • 04-हम सभी आदिवासी धोखेबाज आदिवासियों से सावधान रहेंगे।
  • 05-हम सभी आदिवासी अन्यायपूर्ण मनुवादी गुलामी से मुक्त होंगे।
  • 06-हम सभी आदिवासी अन्धविश्वास और कुरूतियों को तोड़ेंगे।
  • 07-हम सभी आदिवासी आर्यों के विरूद्ध अनार्यों को एकजुट करेंगे।
  • 08-हम सभी आदिवासी अपने मौलिक और संवैधानिक हकों की रक्षा करेंगे।
  • 09-हम सभी आदिवासी प्रकृति नाशक विकास का विरोध करेंगे।
  • 10-हम सभी आदिवासी सभी सामान भागीदारी के लिए संघर्ष करेंगे।
  • 11-हम सभी आदिवासी धर्म निरपेक्षता का सम्मान और समर्थन करेंगे।
लेखक-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'-098750661111-

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